अधोवस्त्र पहने एक उग्र नौकरानी सुबह के समय आत्म-आनंद में लिप्त होती है, अपने दस्ताने के माध्यम से अपनी रसीली संपत्ति को सहलाती है। खुद के लिए उसका तीव्र प्यार एक विस्फोटक चरमोत्कर्ष की ओर ले जाता है, जिससे उसकी सांसें थम जाती हैं और वह संतुष्ट हो जाती है।